20 अगस्त को मच्छरों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है. यह दिन लोगों को मच्छरों से होने वाली बीमारियों और उनसे कैसे बचा जाए इसके बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. अमेरिका मॉस्क्वीटो कंट्रोल एसोसीएशन के मुताबिक हर साल दुनियाभर में मच्छर के काटने की वजह से 1 मिलियन से अधिक लोगों की मौत होती है.यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर की 40 प्रतिशत तक की जनसंख्या उन इलाकों में रहती है, जहां मलेरिया होने का खतरा सबसे अधिक है. मानसून में मच्छरों की पैदास अधिक होती है.
मॉस्क्वीटो डे का इतिहास
1987 में एक ब्रिटिश डॉक्टर रोनाल्ड रोस ने मच्छर और उस वक्त की सबसे खतरनाक बीमारी मलेरिया के बीच एक लिंक देखा था. रोनाल्ड रोस ने ही ये पता लगाया था कि एक मादा मच्छर के काटने की वजह से लोगों को मलेरिया होता है. इस रिसर्च को देखते हुए लंदन के हाइजीन और ट्रोपिकल मेडिसिन ने 20 अगस्त को हर साल विश्व मच्छर दिवस मनाने की घोषणा की थी. इस दिवस का उद्देश्य लोगों के बीच मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए किया गया था.
कौन से मच्छरों से होती है कौन सी बीमारी
- एडीज
इन मच्छरों पर सफेद और काले मार्क्स होते हैं. इन मच्छरों के काटने से डेंगू, रिफ्ल वैली फीवर, जीका, येलो फीवर और चिकनगुनिया होता है. - मलेरिया का मच्छर
इन मच्छरों पर पेल या फिर डार्क पंख होते हैं. ये मलेरिया और लसीका फाइलेरिया जैसे रोगों का कारण बनते हैं. - क्यूलैक्स
इन मच्छरों को शरीर पर भूरे रंग के निशान होते हैं. ये एलिफेंटियासिस और वेस्ट नाइल बुखार जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं.
- मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए ये करें
– इलाकों में मच्छरों को पैदा न होने दें.
– घर की खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखें.
– रोज नहाएं और खुद को साफ रखें क्योंकि मच्छर पसीने से आकर्षित होते हैं.
– मच्छरदानी के बिना न सोएं.
– हल्के रंग के कपड़े पहनें.
– डस्टबिन को हमेशा ढक कर रखें. - मच्छरों से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी
– एनोफिलीज मच्छरों की लगभग 40 प्रजातियां हैं जो मनुष्यों में मलेरिया के लिए जिम्मेदार हैं. ये मच्छर ज्यादातर सुबह के समय काटते हैं.
– एडीज एजिप्टी, एक प्रकार का एडीज मच्छर, एक वर्ष से अधिक समय तक पानी के बिना रह सकता है.
– मादा मच्छर काटते हैं क्योंकि उन्हें अंडे के उत्पादन के लिए रक्त की आवश्यकता होती है जबकि नर मच्छर फूल अमृत या चीनी स्रोतों पर जिंदा रहते हैं.