वनविभाग ने जंगल में छोड़ा, रेडियो कॉलर भी लगाया
नागपुर ब्यूरो : विदर्भ के यवतमाल जिले के पांढराकवड़ा जंगल की चर्चित बाघिन अवनी की मादा शावक (बेटी) को शुक्रवार (5 मार्च) शाम पेंच टाइगर रिजर्व के जंगल में छोड़ दिया गया है. अब पेंच के जंगल में ये बाघिन बेखौफ घूम सकेंगी.
शिकार के गुर सिखाये गए
बाघिन को 2 साल से प्र्शिक्षण दिया जा रहा था. अब 3 वर्षीय बाघिन पर उसके गले में लगे रेडियो कॉलर की मदद से वन विभाग की नजर रहेगी. उल्लेखनीय है कि अवनी की मौत के बाद से उसकी यह मादा शावक भटक रही थी. खोज अभियान के दौरान दिसंबर 2018 में वन कर्मचारियों को इसका लोकेशन मिला था. इसके बाद से मादा शावक को पेंच के तीतरालमांगी स्थित एनक्लोजर में रखा गया था. जहां उसे शिकार के लिए प्रशिक्षित किया गया.
एनटीसीए की तकनीकी समिति से मिला ग्रीन सिग्नल
उसे जंगल में मुक्त करने के लिए प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था. इस समिति की सिफारिश पर उसे जंगल में मुक्त करने का प्रस्ताव राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को भेजा गया. इसके बाद एनटीसीए की तकनीकी समिति से भी ग्रीन सिग्नल दिया गया. उसे भारतीय वन्यजीव संस्थान (देहरादून) के विशेषज्ञों की टीम ने रेडियो कॉलर लगाया है. इस बाघिन का पीटीआरएफ-84 नामकरण किया गया है.