दुनियाभर में हर साल 8 मार्च को बड़े ही धूम धाम से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने के पीछे का मकसद अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय महिलाओं के प्रति सम्मान जताना है. इस दिन महिलाओं को समाज के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मान दिया जाता है. इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने महिलाओं को शुभकामनाएं दी हैं.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है, ”अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी देशवासियों को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. हमारे देश की महिलाएं अनेक क्षेत्रों में उपलब्धियों के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं. आइए आज के दिन हम सब, महिलाओं व पुरुषों के बीच असमानता पूर्णतया समाप्त करने का सामूहिक संकल्प लें.”
पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा है, ”अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हमारी अदम्य नारीशक्ति को सलाम! भारत को हमारे देश की महिलाओं की कई उपलब्धियों पर गर्व है. कई क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण को आगे बढ़ाने के लिए काम करने का मौका मिलना हमारी सरकार के लिए गर्व की बात है.”
दुनियाभर में हर साल आठ मार्च को बड़े ही धूम धाम से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने के पीछे का मकसद अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय महिलाओं के प्रति सम्मान जताना है. इस दिन महिलाओं को समाज के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मान दिया जाता है. इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने महिलाओं को शुभकामनाएं दी हैं. इस साल की थीम ‘वुमेन इन लीडरशिप: अचिविंग एन इक्वल फ्यूचर इन ए कोविड-19 वर्ल्ड’ है.
8 मार्च को महिला दिवस मनाने के पीछे वजह
रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस की मांग को लेकर 1917 में हड़ताल की. हड़ताल फरवरी के आखिरी रविवार को शुरू हुई. यह एक ऐतिहासिक हड़ताल थी और जब रूस के जार ने सत्ता छोड़ी तब वहां की अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया.
रूस में महिलाओं को जिस समय वोट का अधिकार प्राप्त हुआ, उस समय रूस में जुलियन कैलेंडर चलन में था और बाकी दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर. इन दोनों की तारीखों में कुछ अन्तर है. जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 1917 की फरवरी का आखिरी रविवार 23 फरवरी को था जबकि ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन 8 मार्च थी. इसीलिए 8 मार्च महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.