नई दिल्ली : एमएसएमई (सूक्ष्म और लघु और मध्यम उद्यम) के रजिस्ट्रेशन को आसान बनाने के लिए मोदी सरकार ने उद्यम पोर्टल की शुरुआत की थी। ये एक पेपरलेस पोर्टल है, जिसे 1 जुलाई 2020 को लॉन्च किया गया था। इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की संख्या 25 लाख से अधिक हो गयी है। 22 मार्च 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार पोर्टल पर 25,07,112 एमएसएमई रजिस्टर्ड हो चुकी हैं।
एमएसएमई मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 7 नवंबर 2020 तक इस पोर्टल पर 11 लाख से अधिक एमएसएमई रजिस्टर्ड हुई थीं। तब से अब तक रजिस्ट्रेशन में लगभग 130 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
राज्य सभा में दी जानकारी
हाल ही में राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने यह डेटा साझा किया। उद्यम रजिस्ट्रेशन को एमएसएमई द्वारा एंड-टू-एंड डिजिटल पंजीकरण के लिए पब्लिक खरीद पोर्टल गवर्मेंट ई-मार्केटप्लेस के साथ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और जीएसटी नेटवर्क के साथ इंटीग्रेट किया गया है।
नहीं होती किसी डॉक्यूमेंट की जरूरत
उद्यम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए एमएसएमई को सिर्फ आधार नंबर की जरूरत होती है। आधार के अलावा एमएसएमई को किसी भी दस्तावेज या सर्टिफिकेट को अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होती। 1 जुलाई 2020 को एमएसएमई की नई परिभाषा लागू होने के बाद एमएसएमई मंत्रलय ने एक नया पंजीकरण पोर्टल ‘उद्योग रजिस्ट्रेशन’ शुरू किया था, जिस पर अब तक पूरे भारत में 25 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं।
उद्यम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के फायदे
उद्यम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन से सरकारी टेंडर प्राप्त करने में मदद मिलती है। इससे आपको सस्ता लोन मिल सकता है। रेगुलर लोन की तुलना में आपको 1.5 फीसदी तक सस्ता लोन मिलेगा। उद्यम पोर्टल पर रजिस्टर्ड यूनिट्स को कई टैक्स छूट भी दी जाती हैं। हर व्यापार क्षेत्र में लाइसेंस, मंजूरी और रजिस्ट्रेशन प्राप्त करना आसान हो जाता है। पंजीकृत उद्यम को टैरिफ सब्सिडी और टैक्स और कैपिटल सब्सिडी मिलती है।