नई दिल्ली ब्यूरो : अगर आप बीमा पॉलिसी लेना चाहते हैं तो जरूरी है कि आपने कोरोना की वैक्सीन लगवाई हो। मैक्स लाइफ और टाटा एआईए ने टर्म लाइफ इंश्योरेंस कवरेज के लिए उपभोक्ताओं के लिए कोविड-19 वैक्सीन प्रमाण पत्र को अनिवार्य कर दिया है। यदि आप इन कंपनियों से टर्म लाइफ इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो आपके पास वैक्सीन सर्टिफिकेट होना चाहिए। मैक्स लाइफ 45 वर्ष से अधिक आयु के केवल उन व्यक्तियों को टर्म कवर दे रही है, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हैं। वहीं टाटा एआईए बीमा पॉलिसियां उन सभी को दे रही है जिन्होंने अपना पहला शॉट लिया है, फिर चाहे उनकी उम्र कितनी भी हो।
क्यों लिया गया फैसला
संभावना जताई जा रही है कि इन कंपनियों वैक्सीन को लेकर नियम इसलिए जारी किया है क्योंकि ऐसा म्यूनिख रे और स्विस रे जैसी पुनर्बीमाकर्ता कंपनियों की तरफ से कहा गया होगा। ये भारतीय बीमा कंपनियों के लिए जोखिम की सबसे बड़े अंडरराइटर कंपनियां हैं। ईकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार टाटा एआईए के एक प्रवक्ता के मुताबिक कंपनी पॉलिसीधारकों को सबसे बेहतर वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके हितों की रक्षा तय करती है।
क्या होगा फायदा
वैक्सीन जरूरी करने के नियम से बीमाकर्ताओं को जोखिम प्रबंधन को मजबूत करने में मदद मिलेगी। क्योंकि किसी ऐसे पॉलिसीधारक को अधिक जोखिम भरा माना जाएगा, जिसने वैक्सीन न ली हो। इससे बीमाकर्ता कंपनियां तीसरी लहर की स्थिति में बढ़े हुए क्लेम के बोझ से बच सकेंगी। दूसरे इस तरह की प्रोसेस से कंपनियों को उन पॉलिसीधारकों को अलग करने में मदद मिलेगी, जो स्वभाव से ही वैक्सीन से बच रहे हैं।
ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर
माना जा रहा है कि यह नियम बीमाकर्ता के नजरिये से एक अच्छा कदम है, मगर यह उन लोगों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं ली है। ऐसा वैक्सीन की कमी के कारण भी हो सकता है और अगर फाइनल वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र मांगा जाता है तो एक व्यक्ति को दूसरा शॉट लेने से पहले 84 दिनों तक इंतजार करना होगा, इससे भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। बीत सोमवार तक 1.38 अरब के देश में केवल 23.28 करोड़ लोगों ने अपना पहली डोज ली है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जानकार मानते हैं कि अगर किसी ग्राहक ने एक डोज भी ले ली है तो ये उसके वैक्सीन को लेकर इरादे को प्रदर्शित करता है। ऐसे में बीमाकर्ताओं को ग्राहकों को दंडित नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये भी संभव है कि ग्राहक वैक्सीन की कमी के कारण दूसरी डोज न ले पाया हो। पहले से ही खराब बीमा कवर वाले देश में, कोरोना संकट के बाद बीमा खरीदना और अधिक महंगी हो गया है। क्योंकि वायरस संक्रमण के कारण क्लेम में वृद्धि के बाद प्रीमियम बढ़ गया है।
एक और नया नियम
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, टाटा एआईए और एगॉन लाइफ जैसी कुछ बीमा कंपनियों ने टीकाकरण के बाद सात से 15 दिनों की “कूलिंग ऑफ पीरियड” भी लॉन्च की है, जहां नए पॉलिसी आवेदन अस्थायी रूप से स्थगित किए जा रहे हैं। ऐसा इसिलए क्योंकि कई बार यह देखा गया है कि कोविड-19 का टीका लगवाने के बाद, कुछ व्यक्तियों में कुछ साइड इफेक्ट दिखते हैं।